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पुलवामा हमला: आप भी कर सकते हैं शहीदों के परिवार की आर्थिक मदद
जहां इतनी इंसानियत है वहीं कुछ धोखेधड़ी भी है. कुछ लोग इस सहानुभूति का भी फायदा उठा रहें हैं. फर्जी साइट, फर्जी एनजीओ का नाम बता कर सोशल मीडिया के जरिए लोगों को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं. इसलिए ये जानना जरूरी है कि आप जिस जगह पर अपनी…
Love Matters: फिर से होगा न यार, हैप्पी वाला प्यार!
कभी सोचा है प्यार में होने पर हम खुद को भूल जाते हैं और फिर जब वही चला जाता है तो भी हमें सिर्फ वही क्यों याद रहता हैं? इस पूरे सीन में आप कहां हो?..... आपकी ख़ुशी आप खुद ही भूल गए.
40 जवानों की शहादत पर CRPF का प्रण – ना भूलेंगे, ना बख्शेंगे
शुक्रवार को CRPF के ऑफिशियल ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया कि इस हमले का बदला लिया जाएगा, ना हम किसी को छोड़ेंगे ना ही किसी को बख्शेंगे.
‘स्वतंत्रता के इस युद्ध में विजय हमारी होगी’… नेताजी सुभाषचंद्र बोस की प्रेरणादायक कहानी
नेता जी के जीवन से जुड़े कई ऐसे किस्से हैं जो आज हम आपको बताने जा रहे हैं. इन किस्सों में जिस तरह नेताजी ने घर के प्रति और अपने आप को लेकर जितनी लापरवाही दिखाई उतनी ही शिद्दत से देश के लिए काम किया.
सस्ती शादी में ऐसे मिलेगी डबल ख़ुशी, आज़मा के देख लो!
अगर आप शादी में होने वाले खर्च के चलते अपने बेस्ट हनीमून प्लेस पर नहीं जा पा रहें है तो शादी में इतना खर्च ही मत कीजिए और इस पैसे को अपने हनीमून पर लगाए.
जानिए विभिन्न देशों के ये 10 खूबसूरत जगह जहां सर्दियां और भी सुहानी हो जाएंगी
सर्दियों की छुट्टियां बन जाएगी यादगार, लिस्ट में शामिल करें ये 10 जगह
सूर्योपासना का महापर्व…. छठ पूजा
छठ पूजा भगवान सूर्य को समर्पित है. कहते हैं सृष्टि की देवी प्रकृति ने खुद को 6 बागों में बांट रखा है. इनके छठे अंश को मातृदेवी यानी छठी देवी के रुप में पूजा जाता है.
ये हैं बिग बी के 10 दमदार किरदार, जिसे कभी नहीं भुला पाएंगे आप!
फिल्म जंजीर ने इंडस्ट्री को एंग्री यंग मैन दिया. अग्निपथ के विजय दीनानाथ चौहान जैसे बिग बी की पहचान बन गया था. यूं तो अमिताभ ने पर्दे पर कई किरदार निभाए लेकिन ‘विजय’ नाम का किरदार पर्दे पर 20 बार निभाया.
ये है हाउसवाइफ्स के पसंदीदा धारावाहिक, जिसे देख सिरदर्द की गोली न खाने लगे आप
तांत्रिक का हाथ सेटेलाइट की तरह काम करता है जो पूरे घर में घूमता रहता है. जिसको कोई नहीं देख पाता सिर्फ हीरोइन ही देखती है.
आज भी जाति, रंग और भेदभाव में फंसी हमारी मानसिकता!
मुझे आज भी याद है वो कांटे की तरह चुभने वाला नजारा मुझे जो शिवली गांव के स्कूल में देखने को मिला. जहां पर बच्चे ये गाना गाकर एक दूसरे को चिढ़ाते थे, ‘एक वाला एक्का, दो वाला दुल्हिन, तीन वाला तेली, चार वाला चमार और पांच वाला पंडित.’