Corona Virus: क्या इन चीजों से फैल रहा है वायरस? जानें सच
इन दिनों पूरे विश्व में सिर्फ एक चीज़ की चर्चा हो रही है और वो है…. कोरोना वायरस! ये महामारी अब विक्राल रूप ले चुकी हैं. चीन से शुरू हुआ बेहद खतरनाक और जानलेवा कोरोना वायरस अब तक दुनियाभर में फैल चुका है. इस महामारी में अभी तक लगभग 88 हज़ार से ज्यादा लोग दुनियाभर में संक्रमित हो चुके हैं और करीब 3 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. भारत में भी कोरोना वायरस के केस सामने आ चुके हैं.
आज हर घर, गली, ऑफिस में सिर्फ कोरोना वायरस की ही बातें हो रहीं हैं. स्कूल, कॉलेज, मॉल, पार्क हर वो जगह जहाँ एक साथ कई लोगों के इकट्ठा होने की संभावना है उन्हें कुछ समय के लिए बंद भी कर दिया गया है. हर कोई अपनी-अपनी तरफ से इस वायरस के बारे में मिथक फैला रहें हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन WHO ने कोरोना वायरस को अंतरराष्ट्रीय हेल्थ इमरजेंसी घोषित कर दिया है. साइंटिस्ट अभी फिलहाल इस बीमारी और वायरस का इलाज खोज ही रहें हैं. दुनिया भर के हजारों लोगों को इस वायरस से इंफेक्टेड होने की वजह से निगरानी में रखा जा रहा है.
इतनी बड़ी बीमारी से लोगों के बीच घबराहट और डर का माहौल बना हुआ है. सभी अपनी-अपनी तरह से इस बीमारी को समझने की कोशिश करने में लगे हैं. कोई बोल रहा है होमियोपैथी में इसकी दवा है, तो कोई कह रहा है इसकी आयुर्वेदिक दवा उपलब्ध है.
लोग इस वायरस के बारे में काफी मिथक फैला चुके हैं. तो ये कितना सही हैं और कितना गलत आइए जानते हैं. इस महामारी के बारे में कुछ सच से अवगत कराएं, जिससे आप अपना और अपनों को ख्याल रख सकें.
ऐंटिबायॉटिक में छुपा कोरोना वायरस का इलाज?
WHO ने ये बताया है की ऐंटिबायॉटिक वायरस के खिलाफ काम नहीं करते और वो सिर्फ बैक्टीरिया से फैलने वाले इंफेक्शन के खिलाफ काम करते हैं. इस बेहद नए और खतरनाक वायरस से लड़ने में ऐंटिबायॉटिक्स कोई काम नहीं करेंगे.
क्या लहसुन खाने से नहीं होगा कोरोना वायरस?
आजकल सोशल प्लेटफार्म किसी भी मिथक को फ़ैलाने में सबसे आगे हो गया है. जिसमें लोग बिना सोचे-समझे कोई भी मैसेज लोगों को फॉरवर्ड कर देते हैं. ऐसा ही एक मेसेज लोगों में फैल रहा है जिसमें ये दावा किया गया है कि लहसुन खाने से कोरोना वायरस से बचा जा सकता है. ऐंटीमाइक्रोबियल प्रॉपर्टीज से भरा हुआ लहसुन एक हेल्दी फूड है. ये कहीं नहीं पाया गया है कि लहसुन से कोरोना वायरस को रोका जा सकता है.
गाय का गोबर और गौमूत्र के सेवन से वायरस छू भी नहीं पाएगा?
कोरोना वायरस के चलते हर कोई अपना ही ज्ञान दे रहा है. कहीं कोई बोल रहा हैं कि कपूर जलाने से इसका वायरस भागता है, तो कहीं कोई ये बोल रहा हैं कि गाय का गोबर और गौमूत्र का सेवन करने से कोरोना वायरस इंफेक्शन का इलाज हो सकता है. लेकिन इससे पहले कि आप इन बातों पर यकीन करें हम आपको बता दें कि यह बात पूरी तरह से गलत है क्योंकि कोरोना वायरस के इलाज की दवा अब तक बन नहीं पायी है.
निमोनिया की वैक्सीन करेगी कोरोना वायरस से लड़ने में मदद?
WHO ने भी बता दिया है कि निमोनिया के लिए दी जाने वाली न्यूमोकॉकल वैक्सीन इस बेहद नए और खतरनाक कोरोना वायरस के खिलाफ सुरक्षा प्रदान नहीं करती है. ये वायरस इतना नया है कि इसके लिए एक अलग और नई वैक्सीन की जरूरत है. फिलहाल अनुसंधानकर्ता भी कोरोना वायरस के लिए नई वैक्सीन बनाने की कोशिश में जुटे हैं.
गर्म मौसम में नहीं फैलता ये वायरस?
कोरोना वायरस गर्म और नम मौसम में नहीं फैलता, ये एक मिथक है. विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि कोरोना वायरस कहीं भी, किसी भी क्षेत्रफल में फैल सकता है और किसी भी मौसम में भी. कोरोना संक्रमण का पर्यावरण या जलवायु से कोई संबंध नहीं है.
चाइनीज खाने से हो सकता है कोरोना वायरस?
ये भी सोशल मीडिया का फैलाया हुआ भ्रम और मिथक है जिसके मुताबिक लोगों को चाइनीज फूड खाना बंद कर देना चाहिए क्योंकि इससे कोरोना वायरस फैलता है लेकिन ये बात पूरी तरह से गलत है. WHO ने चाइनीज फूड को कोरोना वायरस फैलाने का रिस्क फैक्टर नहीं माना है. लिहाजा चाइनीज नूडल्स खाने से आपको कोरोना नहीं होगा.
मच्छर काटने से फैलता है कोरोनावायरस?
डब्ल्यूएचओ का कहना है कि अब तक ऐसा कोई मामला सामने नहीं आया है जिसमें मच्छर के काटने से कोरोनावायरस फैला हो. इसका कोई प्रमाण भी नहीं है. न्यू कोरोनावायरस एक रेस्पिरेटरी वायरस है, जो मुख्य रूप से किसी संक्रमित व्यक्ति के खांसने, छींकने या किसी तरह से संपर्क में आने से फैलता है.
सैलाइन से नाक साफ करने से बचाव होता है?
इस बात का कोई प्रमाण नहीं है कि लगातार सैलाइन से नाक साफ करने से कोरोनावायरस से बचाव होता है. हां, कुछ जगहों पर ये जरूर बताया गया है कि सैलाइन से लगातार नाक साफ करने से लोग जुकाम से जल्दी रिकवर कर जाते हैं.
गर्म पानी पीने से कोरोना वायरस से दूर रह सकतें हैं?
आप चाहें तो गर्म पानी दिनभर पीते रहें या फिर सुबह-शाम पिये इससे आपकी पाचनक्रिया अच्छी होगी, लेकिन इससे कोरोनावायरस पर कोई असर नहीं होगा. इससे ये वायरस मरता नहीं है. क्योंकि बॉडी टेंपरेचर तो 36.5 से 37 डिग्री से. ही होता है.
थर्मल स्कैनर से कोरोना संक्रमण का चल जाता है पता?
कोरोना संक्रमण की जांच के लिए जगह-जगह थर्मल स्कैनर का इस्तेमाल किया जा रहा है. लेकिन WHO का कहना है कि थर्मल स्कैनर बॉडी टेंपरेचर पता कर बुखार का पता लगा सकता है. लेकिन कोरोना संक्रमित व्यक्ति का पता नहीं लगा सकता. क्योंकि कई बार कोरोना संक्रमित व्यक्ति को बुखार आने में 2 से 10 दिन तक लग जाते हैं.
शरीर पर अल्कोहल, क्लोरिन स्प्रे से कोरोनावायरस मरता है?
कोरोना के जो वायरस आपके शरीर में प्रवेश कर चुके हैं, वे शरीर पर अल्कोहोल या क्लोरीन स्प्रे करने से नहीं मरते हैं. बल्कि ऐसी चीजें शरीर पर छिड़कने से आपको नुकसान हो सकता है. हां, ये चीजें किसी निर्जीव सतह पर छिड़कने से फायदा जरूर मिलता है.
कोरोनावायरस से बुजुर्गों और बच्चों को ही सिर्फ खतरा है?
कोरोनावायरस सिर्फ बच्चों और बुजुर्गों को ही नहीं बल्कि हर आयु वर्ग के लोगों को संक्रमित कर सकता है. हां, बुजुर्गों और अस्थमा, डायबिटीज या दिल की बीमारी वाले लोगों पर वायरस ज्यादा असर जरूर डालता है.
पालतू जानवरों से कोरोना वायरस फैलता है?
पालतू जानवरों से कोरोनावायरस संक्रमण फैलने का अबतक कोई मामला सामने नहीं आया है. फिर भी WHO का कहना है कि आप पालतू जानवरों के संपर्क में आने के बाद साबुन से अपने हाथ जरूर धोएं. ये आदत आपको बैक्टीरियल इंफेक्शन से बचाती है.
एक बात का हमेशा ध्यान दें कि अगर आपको सर्दी-जुखाम है तो इसे सीजनल फ्लू समझने की गलती न करें. कोरोना वायरस के लक्षण को पहचाने और अपनी जांच करवाएं. कोरोना वायरस से बचने के लिये जहां तक हो सके तो बाहर निकलते वक्त मास्क का उपयोग करें. हाथों को साफ़ रखें. हेल्दी फूड के साथ व्यायाम भी करें. लोगों के संपर्क में आने से बचें. आपकी सतर्कता ही आपकी सुरक्षा हैं.