नहीं होगा डेंगू जानलेवा, अपनाएं ये आसान से होम-केयर टिप्स
डेंगू की बीमारी जानलेवा बीमारी में से एक है. हर साल हजारों लोग लापरवाही के कारण इस बीमारी से अपनी जान गवां देते हैं. इन दिनों कई जगह डेंगू बीमारी काफी विकराल रूप लेती जा रही है. इस बीमारी के बढ़ते कहर का अंदाजा डॉक्टरों के क्लिनिक में डेगू के मरीजों की बढ़ती संख्या से लगाया जा सकता है. कई राज्य में डेगू के मरीजों की संख्या हजार का आंकड़ा पार कर चुकी है. इस बीमारी का इतना पनपना सिर्फ जागरूकता के अभाव और समय से उपचार न मिलने की वजह से होता है.
किसी भी बीमारी से बचने के लिए जरूरत है कि लोगों को उसके बारे में ज्यादा से ज्यादा जागरुक किया जाए. कुछ बीमारियां भी मौसम के हिसाब से आती हैं और कुछ बिना बताए. तो सभी कंडीशन में आपको जागरूक होना चाहिए. बात करते हैं डेंगू की. ये एडीज़ इजिप्टी मच्छर के काटने से फैलता है. ये मच्छर जमा हुए और साफ पानी में पनपते हैं इसलिए मानसून के समय पानी के भरने की वजह से भी इनकी तादाद बढ़ जाती है. डेंगू का मच्छर सिर्फ दिन के उजाले में ही नहीं काटता है, वह रात में लाइट के उजाले में भी काट सकता है.
इस मच्छर को पहचानना काफी आसान है. यह दूसरे मच्छरों से हटकर दिखाई देता है. यह काफी डार्क रंग का होता है और इस पर सफ़ेद रंग की पट्टियां बनी होती हैं. घर में हफ्ते में दो बार जमा पानी की साफ़ सफाई करते रहना चाहिए. ये मच्छर सुबह और शाम को सूर्यास्त के समय ज़्यादा काटते हैं. 15-16 डिग्री से कम तापमान में पैदा नहीं हो पाते हैं. डेंगू बीमारी सबसे ज़्यादा जुलाई से अक्टूबर के बीच फैलती है.
साधारण बुखार और डेंगू में होता है बस ये अंतर
साधारण बुखार और डेंगू के लक्षण में अंतर करना लगभग असंभव सा लगता है. डेंगू एक वायरल फीवर है जो मादा मच्छर के काटने से फैलता है और यह बुखार किसी भी उम्र के लोगों को हो सकता है. डेंगू के मच्छर के काटने के 4 से 7 दिन बाद ही इस बीमारी के लक्षण नज़र आते हैं. डेंगू में सबसे पहले तेज़ बुखार होता है जिसके बाद शरीर पर लाल रंग के चकत्ते पड़ जाते हैं, साथ ही सिर दर्द, बदन दर्द, जोड़ों और मांसपेशियों में दर्द, भूख का कम होना और उल्टी आना इसके लक्षणों में शामिल है. लेकिन डेंगू का पता रक्तजांच के बाद ही किया जा सकता हैं.
डेंगू से ऐसे करें बचाव
डेंगू होने पर शुरूआती समय में ध्यान देना ज्यादा अच्छा होता है. ज़्यादातर लोग घर पर ही सही आराम, अधिक से अधिक जल सेवन से और डॉक्टर के बताई गई दवाओं से ठीक हो जाते हैं. अगर आपको डॉक्टर ने घर पर ही रहने के लिए सलाह दी है तो इन बातों का ध्यान रखें-
- बुखार के ठीक होने के 48 घंटे बाद तक ज़्यादा से ज़्यादा पानी पीने की कोशिश करनी चाहिए. जब डेंगू बुखार उतर जाता है तो उसके 2-3 दिन बाद तक, शरीर की रक्त धमनियों से पानी का रिसाव होता है. इस कारण धमनियों में रक्त की मात्रा कम हो जाती है. पानी का पीने से रक्त धमनियों में रक्त की मात्रा बढ़ेगी.
- डेंगू के लक्षण जानने के बाद घरेलू दवा या किसी भी मेडिकल स्टोर से कोई भी दवा नहीं खानी चाहिए. बिना डॉक्टर के परामर्श से कोई भी दवा खाना आपकी सेहत के लिए ठीक नहीं होता हैं. यह दवाई आपको लाभ पहुँचाने से ज़्यादा आपको नुक्सान पहुँचाने की क्षमता रखती हैं.
- नोट करें कि रोगी कितनी बार पेशाब करने जाता है. यदि रोगी हर 6 घंटे में पेशाब करने जाता है तो इससे पता चलता है कि शरीर में पानी की कमी नहीं है. यह एक अच्छा संकेत है. अगर ऐसा नहीं होता तो ज़रूर अपने डॉक्टर से बात करें.
- रोगी के आराम का ध्यान रखते हुए ही, उसकी देखभाल करनी चाहिए. डेंगू बुखार को कम करने के लिए रोगी को गीली पट्टी से स्नान कराए. यह शरीर के तापमान को कम करने में सहायता करता है. कमरे के तापमान को ठंडा रखने के लिए पंखा चलाए रखें.
- डेंगू मच्छर गहरे रंगों के प्रति विशेष रूप से आकर्षित होता है. सबसे ख़ास बात है कि डेंगू का मच्छर ज्यादा ऊंचा उड़ नहीं पाता है. यही वजह है कि डॉक्टर्स का मानना है कि इस मौसम में गहरे रंग के मोज़े नहीं पहनने चाहिए. जो लोग सुबह शाम जॉगिंग करने या टहलने पार्क में जाते हैं उन्हें इस बारे में पहले से सावधान रहने की जरूरत है. टहलने जाते वक्त हल्के रंग के और पूरी बांह वाले कपड़े ही पहनें.
डेंगू से बचाव के लिए ये घरेलू उपाय भी हैं लाभकारी
डेंगू का समय पर उपचार बेहद जरूरी है, वैसे तो इसके लिए डॉक्टर से ही परामर्श करना चाहिए लेकिन डेंगू के इस सीजन में अगर आप ये घरेलू उपाय करें तो डेंगू का असर होगा आप पर बेअसर.
- विटामिन-सी आपको स्वस्थ रखने के साथ ही शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मदद करता है. इसलिए विटामिन सी से युक्त पदार्थों का सेवन करें. इसके अलावा यह किसी भी प्रकार के संक्रमण को फैलने से भी रोकता है.
- डेंगू बुखार में शरीर में होने वाली रक्त की कमी और कमजोरी को दूर करने के लिए, अनार का सेवन फायदेमंद होता है. इसमें मौजूद विटामिन ई, सी, ए और फॉलिक एसिड और एंटी ऑक्सीडेंट बेहद लाभप्रद साबित होते हैं. यह लाल रक्त कणों को बनाता हैं, जो खून की कमी को पूरा करने में सहायक है.
- तुलसी और शहद का प्रयोग करने से भी डेंगू से बचाव किया जा सकता है. तो आप काढ़ा या चाय में तुलसी का प्रयोग कर सकते हैं. तुलसी को पानी में उबालकर, इसमें शहद डालकर पिया जा सकता है. इसमें मौजूद एंटी बैक्टीरियल गुण बीमारियों से बचाव में सहायक है.
- हल्दी का प्रयोग जरूर करना चाहिए. खाने में आप किसी भी रूप में हल्दी ले सकते हैं. आप हल्दी वाले दूध का सेवन कर सकते हैं. इसमें मौजूद एंटीबायोटिक तत्व आपके प्रतिरक्षा तंत्र को मजबूत कर बीमारियों से आपकी रक्षा करते हैं.
- डेंगू होने के बाद पपीते के पत्तों का असर जल्दी नहीं चढ़ता, लेकिन डेंगू से बचने के लिए आप पपीते के पत्ते का रस निकालकर दिन में दो बार लगभग 2-3 चम्मच की मात्रा में ले सकते हैं. इसमें प्रोटीन से भरपूर पपेन नामक एंजाइम पाया जाता है, जो पाचन शक्ति को ठीक करता है.
- डेंगू बुखार होने पर बकरी के दूध का सेवन बेहद फायदेमंद होता है. इसके लिए बकरी का कच्चा दूध दिन में दो से तीन बार थोड़ी मात्रा में पीने लाभ होता है. इसके अलावा यह खून की कमी को दूर कर, प्रतिरक्षा तंत्र को मजबूत करता है और शरीर व जोड़ों के दर्द में फ़ायदा करता है.
- गेहूं की घास का रस पीने से भी रक्त में प्लेटलेट्स का निर्माण तेजी से होता है और रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती है. डेली दो बार इसका प्रयोग करने से डेंगू का खतरा कम होता है.
- साधारण खाने के अलावा सूप का प्रयोग भी जरूर करें. यह आपके स्वाद को बरकरार रखेगा और भूख न लगने की शिकायत दूर करेगा. इसके अलावा दलिया का प्रयोग करना भी बेहतर होगा.
- हर मौसम अपने साथ अच्छी यादें और बीमारियां दोनों लाता हैं. तो ये आपका फर्ज़ बनता है की उस मौसम को और उनमें आने वाली बीमारियों से बचने के लिए जागरुक रहें और खुद को और अपने परिवार को इन बीमारियों से दूर रखें.