इस कहानी ने बदला सिमर का प्रोफेशन और वो बन गई “टीचर”
एक स्टूडेंट जितना कनेक्टेड अपनी मां से होता है उतना ही, और कभी-कभी तो उससे ज्यादा अपनी टीचर से कनेक्टेड होता है. जैसे-जैसे हम बड़े होते जाते हैं हमारी उम्र के साथ हमारी सोच भी बदल जाती है.
आज टीचर्स डे है. इस दिन हमारे देश के दूसरे राष्ट्रपति रहे डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्मदिन होता है. इस दिन यानी 5 सितम्बर को उनके सम्मान में शिक्षक दिवस मनाया जाता है. मुझे अभी भी याद है बचपन में मैं टीचर-टीचर खेला करती थी. शायद ही कोई ऐसी लड़की होगी जिसने बचपन में टीचर वाला गेम न खेला हो. टीचर वाला गेम जितना बचपन में आसान लगता था उतना है नहीं! टीचिंग प्रोफेशन सिर्फ एक जॉब नहीं जिम्मेदारी है.
एक स्टूडेंट जितना कनेक्टेड अपनी मां से होता है उतना ही, और कभी-कभी तो उससे ज्यादा अपनी टीचर से कनेक्टेड होता है. जैसे-जैसे हम बड़े होते जाते हैं हमारी उम्र के साथ हमारी सोच भी बदल जाती है. जब हम स्कूल जाना शुरू करते हैं तो अपनी टीचर से डरते हैं, फिर धीरे-धीरे उनको पसंद करने लगते हैं. बड़े होते ही हम टीचर्स में कमियां खोजने लगते हैं, उनको तरह-तरह के नाम देने लगतें है. क्लास बंक करने लगते है, फिर जो सब्जेक्ट्स हमको नहीं पसंद उसके टीचर भी हमें अच्छे नहीं लगते. उसके बाद हम एक ऐसी उम्र में आ जाते हैं जब हमसे स्कूल-कॉलेज दूर हो जाता है.
लोगों का अक्सर मानना है कि टीचिंग जॉब बहुत ही आसान है, जो कुछ नहीं कर पाते वो टीचर बन जाते है. कहने को टीचिंग जॉब बहुत ही रेस्पेक्टेड जॉब हैं, लेकिन वहीं कुछ लोगों की नजरों में यह बहुत ही आराम की जॉब है, तो कहीं बेकार की जॉब है जिसमें कोई पैंशन नहीं है.
सिमर का भी कुछ ऐसा ही सोचना था. उसको लगता था की अगर मैं टीचर बन गयी तो मेरे फ्रेंड्स मेरा मजाक बनाएगे. फिर एक दिन सिमर ने एक कहानी पढ़ी और बन गयी “टीचर”.
ये एक टीचर की कहानी है जिसका नाम मारिया थॉमसन था. वो 5वीं कक्षा के बच्चों को पढ़ाती थी. क्लास के पहले दिन श्रीमती थॉमसन ने क्लास में एंट्री करते हुए कहा की, वो सब बच्चों से बहुत प्यार करती हैं. लेकिन एक टीचर के लिए सभी बच्चों को समान प्यार करना संभव नहीं होता. श्रीमती थॉमसन ने अपने सामने वाली सीट पर बैठे एक बच्चे को देखा जिसका नाम टेडी स्टोडर्ड था.
श्रीमती थॉमसन ने देखा की टेडी बहुत शांत और गुमसुम सा था. उसके गंदे कपड़े देखकर उन्होंने ये अंदाज़ा लगाया की वो पिछले कई दिन से नहाया नहीं है, जिसकी वजह से दूसरे बच्चे उसके साथ अच्छा व्यवहार नहीं करते थे. श्रीमती थॉमसन को अपने ऊपर गर्व था कि वो बहुत अच्छा पढ़ाती हैं, उनका पढ़ाया हुआ बच्चा फेल नहीं हो सकता. इतना पढ़ाने के बाद टेडी पढ़ाई में सभी से पीछे था. उसकी टेस्ट शीट में एक बोल्ड एक्स बना था और ‘F’ यानी फेल लिखा था.
स्कूल में श्रीमती थॉमसन ने सभी बच्चों को खूब सिखाया था. उसके बाद भी टेडी का ऐसा रिजल्ट देखकर वो बहुत निराश हो गयी थी. उन्होंने टेडी पर बहुत गुस्सा किया. स्कूल रूल्स के मुताबिक श्रीमती थॉमसन ने प्रत्येक बच्चे के पिछले रिकॉर्ड की समीक्षा की. वो टेडी के पिछले क्लास का रिकॉर्ड खोज रहीं थी. जब उन्होंने टेडी का पिछला रिकॉर्ड देखा तो वो आश्चर्यचकित रह गयी थी.
– टेडी के पहले ग्रेड के शिक्षक ने लिखा, “टेडी एक उज्ज्वल बच्चा है जो हमेशा हंसता रहता है. वह अपने काम को अच्छी तरह से करता है और सभी का सम्मान करता है.”
– उनके दूसरे ग्रेड के शिक्षक ने लिखा, “टेडी एक उत्कृष्ट छात्र है, जो क्लास के सभी बच्चों को पसंद है, लेकिन वह परेशान है क्योंकि उसकी मां को कोई गंभीर बीमारी है और उसके घर पर बहुत परेशानी चल रही है.”
– उनके तीसरे ग्रेड के शिक्षक ने लिखा, “उनकी मां की मौत उनके लिए बहुत दुखद है. वह अपनी पूरी कोशिश करने की कोशिश करता है लेकिन उनके पिता ज्यादा रुचि नहीं दिखाते हैं. जिससे उसकी पढ़ाई प्रभावित हो रही है, इसके चलते उसे स्कूल से निकाला भी जा सकता है.”
– टेडी के चौथे ग्रेड के शिक्षक ने लिखा, “टेडी को इस बार स्कूल ने एक मौका दिया है. फिर भी पढ़ाई में उसकी ज्यादा रुचि नहीं दिखती है. उसके पास कोई दोस्त नहीं हैं और कभी-कभी कक्षा में सोता भी है.”
अब तक श्रीमती थॉमसन को समस्या समझ आ गई थी. वो खुद पर शर्मिंदा थी. उस दिन के बाद से श्रीमती थॉमसन हमेशा टेडी को देखकर स्माइल करती थी. जिससे टेडी को भी उनसे लगाव होने लगा था.
स्कूल में क्रिसमस का दिन था सभी बच्चे क्रिसमस के गिफ्ट्स को खूबसूरत रिबन और चमकीले कागज में लपेटकर सजा रहे थे. टेडी भी क्रिसमस गिफ्ट लाया था, जिसको वो किराने की दुकान से मिले भूरे रंग के कागज में लपेट रहा था. सभी बच्चों ने अपना गिफ्ट क्रिसमस ट्री के पास रख दिया था.
श्रीमती थॉमसन जैसे ही क्लास में आयीं उन्होंने क्रिसमस ट्री के पास रखे हुए सभी गिफ्ट को दूर से देखा. खूब चमकते हुए गिफ्ट्स में उनको एक भूरे रंग का कागज में पैक किया हुआ छोटा सा गिफ्ट दिखा. श्रीमती थॉमसन ने और कोई गिफ्ट न उठा कर वो गिफ्ट अपने लिए चुना, जिसे देख टेडी बहुत खुश हुआ पर सभी बच्चों ने हंसना शुरू कर दिया.
श्रीमती थॉमसन ने उस गिफ्ट को खोला तो उसमें एक टूटा हुआ ब्रेसलेट मिला जो वापिस से जोड़ा गया था और एक परफ्यूम की बोतल जो आधे से ज्यादा खाली थी. सभी बच्चे जोर-जोर से हँसने लगे. टेडी दुखी हो गया था. श्रीमती थॉमसन ने वो ब्रेसलेट पहना और कहा कि ये ब्रेसलेट कितना सुंदर है और अपनी कलाई पर परफ्यूम को भी स्प्रे किया. टेडी उस दिन स्कूल खत्म होने के बाद भी रुका रहा. छुट्टी के बाद टेडी क्लास में अकेला एक घंटे तक खूब रोया तभी वहां श्रीमती थॉमसन आ गई.
टेडी अपनी टीचर के गले लग के बोला, “आज आप मेरी माँ की तरह स्मैल कर रहीं हैं.” श्रीमती थॉमसन ने टेडी को गले लगा लिया और वो भी उसके साथ खूब रोई.
उस दिन से श्रीमती थॉमसन ने टेडी पर विशेष ध्यान देना शुरू कर दिया था. जैसे ही वो उनके साथ काम करती थी टेडी को अपनी पढ़ाई समझ आने लगी थी. उन्होंने टेडी की छोटी-छोटी गलती पर भी उसे प्रोत्साहित किया. अब टेडी क्लास में सबसे पहले टीचर्स के सवालों के जवाब देता था. साल के अंत तक टेडी क्लास में सबसे बुद्धिमान बच्चों में से एक बन गया था. अब टेडी छठी ग्रेड में आ गया था.
नोट 1-
एक साल बाद श्रीमती थॉमसन ने क्लास में अपनी चेयर के नीचे एक नोट पाया जो की टेडी का था. जिसमें लिखा था, “ डिअर थॉमसन मैम! आप अब तक की मेरी बेस्ट टीचर हो.
नोट 2-
टैडी के इस नोट के बाद छह साल बीत गए थे. टेडी ने श्रीमती थॉमसन को एक और नोट लिखा. जिसमें लिखा था, “ डिअर थॉमसन मैम! मैं हाई स्कूल में फर्स्ट आया. आप अभी भी मेरी अब तक की बेस्ट टीचर हो. टेडी को अपने किसी भी नोट का जवाब नहीं मिलता था.
नोट 3-
उसके चार साल बाद श्रीमती थॉमसन को एक और नोट मिला, जिसमें लिखा था कि “डिअर थॉमसन मैम! समय-समय पर चीजें कठिन होती गई लेकिन मैं रुका नहीं. और जल्द ही मैं कॉलेज से स्नातक हो रहा हूं. आप अभी भी मेरी अब तक की बेस्ट टीचर हो.
नोट 4-
फिर चार और साल बीत गए और श्रीमती थॉमसन को एक और नोट आया, जिसमें लिखा था कि “ डिअर थॉम्पसन मैम! स्नातक की डिग्री मिलने के बाद अब मैं थोड़ा और आगे बढ़ गया हूं. आप अभी भी मेरी अब तक की बेस्ट टीचर हो. इस बार टेडी का नाम थोड़ा सा बड़ा था. पत्र के अंत में टेडी ने अपने हस्ताक्षर किए थे,
डॉक्टर टेडी स्टोडर्ड, एमडी।
कहानी यहां खत्म नहीं होती!
श्रीमती थॉमसन को एक और नोट आया जिसमें लिखा था कि, “ डिअर थॉमसन मैम! मैं एक लड़की से मिला और अब उससे शादी करने जा रहा हूं. मेरे पिता की मृत्यु को कुछ साल हो गए है. क्या आप मेरी शादी में मेरी मां की जगह बैठेंगी? आप अभी भी मेरी अब तक की बेस्ट टीचर हो.
टेडी को अभी भी अपने किसी भी लैटर का जवाब नहीं मिला था. शादी का दिन आ गया था. चर्च में सभी बहुत शांत बैठे थे तभी टेडी को एक महक आई, ये महक टेडी की मां के परफ्यूम की थी. टेडी ने पलट के देखा तो श्रीमती थॉमसन पिंक कलर की ड्रेस पहने थी. हाथ में टेडी की मां का वही टूटा हुआ ब्रेसलेट पहना था और परफ्यूम भी लगाया था जो उसने क्रिसमस पर श्रीमती थॉमसन को गिफ्ट किया था. ये परफ्यूम टेडी ने अपनी मां को उनके आखिरी क्रिसमस पर लगाते देखा था. श्रीमती थॉमसन और टेडी दोनों की आँख में आंसू थे, दोनों ने एक-दूसरे को गले लगाया.
टेडी ने श्रीमती थॉमसन के कान में कहा की,
“धन्यवाद! थॉमसन मैम! मुझ पर विश्वास करने के लिए. मुझे अपना कीमती वक़्त देने के लिए…. धन्यवाद!”
श्रीमती थॉमसन ने टेडी की आँखों से आँसू पोछे और कहा,
“धन्यवाद टेडी! तुमने मुझे सिखाया की मैं कहां गलत थी. तुमने मुझे सिखाया की कैसे मैं किसी बच्चे के जीवन में इतना अंतर ला सकती हूं. मुझे एक टीचर की अहमियत नहीं पता थी जब तक मैं तुमसे नहीं मिली थी. तुम मेरे अब तक के बेस्ट टीचर हो.”
आज सिमर एक प्री-स्कूल में टीचर है. सिमर अब बैंकिंग नहीं बल्कि बी-एड की तैयारी कर रही है. सिमर अपने सभी फ्रेंड्स के बीच गर्व से बोलती है की, “मैं एक टीचर नहीं फ्यूचर मेकर हूं”.
………….. हैप्पी टीचर्स डे!